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लेखक की तस्वीरVivek Pathak

ज़िन्दगी का सबक़

बादलों से भी मिलता है ज़िन्दगी का सबक़, 

कि जो पाया है सागर से, उसे बांटने में ही सार हैl


कि समय रहते जो बरसते नहीं, 

तबाही का कारण हुआ करते हैं l


वैसे ही कलियों को यदि, पुष्पों सा वैभव पाना हैl

तो सुगँध को बिखेरना होगा l


और अगर बीज़ को वट वृक्ष होना है, 

तो ख़ुद को मिटाना होगा l


विवेक गोपाल कृष्ण पाठक

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