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लेखक की तस्वीरVivek Pathak

सच्ची प्रशंसा

किसी और की सफलता देखकर,

आपका दिल खिलजाये l

किसी और की चमक में भी,

आपको अपनी रौशनी का अहसास हो l

किसी और की उड़ान में भी, अपनी सी ऊंचाई का अहसास हो l

जब कोई आगे बढे तो, ईर्षा का नाम-ओ-निशाँ न हो l

और दूसरे के पुरूस्कार में, आपकी भी तालियाँ शामिल हों l-2

तो जान लीजिये वो दिन अब दूर नहीं-2

कि ये सफलता, ये चमक, ये पुरूस्कार,

ये उड़ान आपकी भी होगी l


विवेक गोपाल कृष्ण पाठक






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