किसी ने तंज़ में कहा हमसे, कि क्या कहते हो,
वाह क्या शायर हो l-2
मैंने कहा शायर जो कहते हैं लब्ज़ों में,
मतलब अब, समझ आजाता है बस,
हमारा शायर होना अभी बाक़ी हैl
दर्द-ओ-ज़ख़्म और दिल का टूटना, इतना नहीं हुआ-2 शायरी अभी ना तारी है, हमारा शायर होना अभी बाक़ी है l
कहने वाले बहुत हैं हमसे, हैं बहुत ख़ुशनवर,
शायरी का मुकम्म्मल होना, हमसे अभी बाक़ी है-2
हमारा शायर होना अभी बाक़ी हैl
फ़िर कहा मैंने, कि हम भी होंगे ख़ुशनवर,
चल पडे हैं उस डगर-2
पहुंचें न पहुंचें, पर बहुत ख़ूबसूरत है ये रहगुज़र l-2
विवेक गोपाल कृष्ण पाठक
Comments