top of page
खोज करे
लेखक की तस्वीरVivek Pathak

शायर होना अभी बाक़ी है

किसी ने तंज़ में कहा हमसे, कि क्या कहते हो,

वाह क्या शायर हो l-2


मैंने कहा शायर जो कहते हैं लब्ज़ों में,

मतलब अब, समझ आजाता है बस,

हमारा शायर होना अभी बाक़ी हैl


दर्द-ओ-ज़ख़्म और दिल का टूटना, इतना नहीं हुआ-2 शायरी अभी ना तारी है, हमारा शायर होना अभी बाक़ी है l


कहने वाले बहुत हैं हमसे, हैं बहुत ख़ुशनवर,

शायरी का मुकम्म्मल होना, हमसे अभी बाक़ी है-2

हमारा शायर होना अभी बाक़ी हैl


फ़िर कहा मैंने, कि हम भी होंगे ख़ुशनवर,

चल पडे हैं उस डगर-2

पहुंचें न पहुंचें, पर बहुत ख़ूबसूरत है ये रहगुज़र l-2


विवेक गोपाल कृष्ण पाठक




3 दृश्य0 टिप्पणी

हाल ही के पोस्ट्स

सभी देखें

है स्वीकार

तुझसे मिली खुशियाँ क़ुबूल हैं जब, तो फिर ग़म से भी, नहीं है एतराज़ l आती है ख़ुशबू गुल से जब, तो शूल जो दर्द मिले, वो भी हैं स्वीकार l उतरती...

द्वन्द

उदास हो जाता हूँ, जब चाहकर भी, किसी की मदद के लिए रुक नहीं पता हूँ l जल्दी में हूँ, हूँ भीड़ में, चाहकर भी मुड़ नहीं पाता हूँ l मन कुछ कहता...

मूर्खता का प्रमाण

यूँ ही परेशां हूँ, कि ये न मिला वो न मिला, पर जो मिला है उसे गिनता ही नहीं l जब देखता हूँ ग़म दूसरों के, तो लगते अपने ग़म कुछ भी नहीं l...

Comments


bottom of page