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लेखक की तस्वीरVivek Pathak

शायर हो बैठा

अपडेट करने की तारीख: 23 अग॰

ग़ुमान था कि शायर हूँ, ख़ुशनवर हूँ -2


फिर दिनकर, नीरज, मीरा, कबीर, सूर,

निराला को सुन बैठा l


अरे बात यहाँ ख़त्म न हुई-2

ग़ालिब और जौन एलिया को सुना, तो तबाह हो बैठा l


दिमाग़-औ- ज़ुबाँ से कहने में वो बात कहाँ-2

जब ख़ुद पर बीती तो शायर हो बैठा l


विवेक गोपाल कृष्ण पाठक

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