राम नाम के तेल में, हनुमत जैसी बाती, -2
शंकर की चिंगारी से, कैसी !! लौ जगमगाती l-2
माया के तिमिर को, सिरे से काटती जाती l-2
राम नाम के पथिक को, मार्ग दिखलाती जाती l-2
सारी दुविधा, सारी विपदा,
हर कंटक को पुष्प बनाती जाती l-2
राम नाम के तेल में, हनुमत जैसी बाती,
शंकर की चिंगारी से, कैसी !! लौ जगमगाती l
काम-क्रोध-मद-लोभ-मोह की भस्मी,-2
माथे से रगड़ाती जाती l-2
राम नाम के तेल में, हनुमत जैसी बाती,-2
शंकर की चिंगारी से, कैसी !! लौ जगमगाती l-2
विवेक गोपाल कृष्ण पाठक
Comentarios