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लेखक की तस्वीरVivek Pathak

भक्ति

भक्ति का एक क्षण है श्रेष्ठ, युगों के अर्जित ज्ञान से भी l


समर्पण के अश्रु के सन्मुख, निरर्थक रहते सभी वेद पुराण भी l


ज्ञान की सीमा भक्ति का आरंभ है l


भक्ति की परिणिति, ईश्वर से मिलन l


भक्ति और समर्पण में नतमस्तक, नेत्रों के जल की एक बूँद,


श्रेष्ठ है उस सागर से, जिसमें समाहित हैं समस्त ज्ञान की सरिताएँ भी l


विवेक गोपाल कृष्ण पाठक

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