कौन देखता है दिल को? सबने दौलत देखीl-2
क़ाबलियत की बात न करें,
हर किसीने बस सहूलियत देखीl-2
और... कौन देखता है रूह को? -2
हर किसीने बस तिज़ारत देखीl
कहने को तो बहुत हैं अपने,
पर तुझसे जो मिली ऐसी न मोहब्बत देखीl-2
जो हूँ, जैसा हूँ, जिस हाल में हूँ,
तेरी रहमत में न मैंने कमी देखीl-2
बाज़ार में हो या इबादत में,
शायर में हो या कि फ़कीर मेंl
मैंने सब में बस तेरी रौशनी देखीl-2
दिन का आराम, चैन की नींद न देखी,-2
जब भी बरसा नूर, अपनी प्याली भरती देखीl-2
विवेक गोपाल कृष्ण पाठक
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