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लेखक की तस्वीरVivek Pathak

तू ही है बस

कौन देखता है दिल को? सबने दौलत देखीl-2

क़ाबलियत की बात न करें,

हर किसीने बस सहूलियत देखीl-2

और... कौन देखता है रूह को? -2

हर किसीने बस तिज़ारत देखीl

कहने को तो बहुत हैं अपने,

पर तुझसे जो मिली ऐसी न मोहब्बत देखीl-2

जो हूँ, जैसा हूँ, जिस हाल में हूँ,

तेरी रहमत में न मैंने कमी देखीl-2

बाज़ार में हो या इबादत में,

शायर में हो या कि फ़कीर मेंl

मैंने सब में बस तेरी रौशनी देखीl-2

दिन का आराम, चैन की नींद न देखी,-2

जब भी बरसा नूर, अपनी प्याली भरती देखीl-2


विवेक गोपाल कृष्ण पाठक

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